मध्यमहेश्वर ट्रैक (Madhmaheshear Trek)
महादेव का निवास ...... मधेस ट्रैक ...... रांसी गांव ...... चाहें तो सनियारा भी नापें ...... मछली से पेडीक्योर ...... ठेठ पहाड़ी जीवन ...... झरने ...... नदी ...... हरियाली ...... बर्फ वाले पहाड़ करीब से ...... ठंडक ...... भीड़ भाड़ से दूर ...... इकाॅनोमिकल ...... बुग्याल ...... तीर्थ ...... हिमालय दर्शन ...... कठिन रास्तों से बढ़ता प्यार ...... जंगल का रास्ता ...... अखरोट के पेड़ ...... सनसनाती हवा का शोर ...... कलरव करते पक्षी ...... मधुगंगा का साथ ...... मैगी, परांठे और चाय ...... रांसी का कटा और बड़ा चांद ...... गोंडार में मधुगंगा की कल कल ध्वनि के साथ चाय का आनंद ...... वनटोली में टंकी का पानी ...... खडारा चट्टी पर खेलते बच्चे ...... नानू चट्टी पर मैग्गी का स्वाद ...... मैखंभा पर खिचड़ी के साथ नींद ...... कून चट्टी पर लोटे भर कर मट्ठा-लस्सी ...... भेड़ों का साथ और उसका चरवाहा बनना ...... दो-दो चौखम्भा ...... बूढ़ा मध्यमहेश्वर का ताल और बुग्याल ...... दूर दूर तक हरे हरे घास के मैदान ...... पर्वतराज को छू लेने की चाहत ...... कभी रुपहला तो कभी सुनहरा चौखम्भा ...... गुलाल के रंगों के जैसे हवा में उड़ते बादलों ...... जंगल के सन्नाटे में झिंगुरों की आवाज ...... चलते चलते रुक जाने की चाहत ...... जंगलां के घने छांव में खड़े होकर हिमालयी चोटियों को निहारने का आनंद ...... कभी कभी सतरंगे इन्द्रधनुष के दर्शन भी ...... और भी बहुत कुछ।
अगर इतना सब कुछ एक यात्रा में देखना चाहते हैं तो आप एक बार मध्यमहेश्वर अवश्य जाएं। यदि कुछ छूट रहा हो तो आप लोग भी कुछ कुछ जोडि़ए।
विशाल चौखम्भा का ये फोटो मध्यमहेश्वर से बूढ़ा मध्यमहेश्वर पहुंचने के दौरान (सितम्बर 2018)।