Friday, June 30, 2017

दक्षिण भारत यात्रा की शुरुआत

दक्षिण भारत यात्रा की शुरुआत



करीब 3 साल पहले तिरुपति जाने का विचार किया था पर तब से वहां जाने का समय नहीं निकाल पाया।समय नहीं निकल पाने का कारण भी कम रोचक नहीं है। जब भी तिरुपति जाने की बात घर में करता तो पत्नी साथ साथ रामेश्वरम भी निपटा लेने की बात कहती। उसके बाद मैं भी कुछ और जोड़ देता कि जब तिरुपति और रामेश्वरम निपटा ही देना है तो मदुरै का मीनाक्षी मंदिर और कन्याकुमारी को क्यों छोड़ें, लगे हाथ यहाँ भी हो लें और इसी चक्कर में योजना बन ही नहीं पा रही थी। गर्मियों में उधर पड़ने वाली भयंकर गर्मी के कारण उधर जाने का सोच भी नहीं सकता था और सर्दियों में इतनी लम्बी छुट्टी मिल पाना भी मुमकिन नहीं था। इसी बीच केदार-बदरी यात्रा भी कर ली पर तिरुपति जाने का समय निकल नहीं पाया।

Wednesday, June 21, 2017

केदारनाथ से वापसी

केदारनाथ से वापसी 

पाँचवाँ दिन

कल जिस उमंग और उत्साह से गौरीकुंड से केदारनाथ आये थे आज उसके विपरीत उदास और भारी मन से केदारनाथ से वापसी  की राह पकड़नी थी। यहाँ से जाने का मन तो नहीं हो रहा था पर वापस तो जाना ही था। आज हमारी यात्रा केदारनाथ से गौरीकुंड तक पैदल मार्ग और उसके आगे गौरीकुंड से गौचर तक बस यात्रा की थी। 

4 दिन तक जो 3 बजे ही जागने की आदत हो गयी थी उसके वजह से आज हम बिना अलार्म बजे ही 3 बजे जग गए। सारा सामान पैक किया और सारी तैयारी करते करते 4 :30 हो गए थे। अब हम निकलने की सोच ही रहे थे कि एक आदमी चाय की बड़ी से केतली लेकर आया जो हरेक हट जिसमें लाइट जल रही थी उसमें चाय दे रहा था। उसने हम लोगों को भी चाय दी। उसके चाय की कीमत जो थी बहुत ही आश्चर्यजनक थी। एक कप चाय केवल 10 रुपए। इतनी ऊँचाई पर 10 रुपए में चाय बहुत कम लग रही थी। यहाँ तो उसकी कीमत 20 रुपए भी होती तो कम होती। उसके बाद मैंने उससे पूछा कि जाने से पहले किसे बताना होगा तब उसने कहा कि किसी को बताने की जरुरत नहीं है आप अपना सामान लेकर जा सकते हैं। उसके बाद वो दूसरे को चाय देने चला गया।

Monday, June 19, 2017

मुगल गार्डन, दिल्ली (Mughal Garden, Delhi)

मुगल गार्डन, दिल्ली (Mughal Garden, Delhi)

12 मार्च 2017
इस साल मुझे दूसरी बार मुग़ल गार्डन जाने का मौका मिला। पहली बार मुग़ल गार्डन फरवरी 2015 में गया था और आज 2 साल बाद एक बार फिर वहां जाने जाने का मौका मिला।  मुग़ल गार्डन राष्ट्रपति भवन के पीछे के भाग में स्थित है। यहाँ जितने प्रकार के फूलों प्रजातियां है शायद देश के किसी भी उद्यान में फूलों की  इतनी प्रजातियां नहीं होगी, और हो भी क्यों नहीं आखिर इतने बड़े देश के राष्ट्रपति (राजा) का बगीचा जो है। बसंत के मौसम में इस गार्डन की सुंदरता अपने शबाब पर होती है, और यही वो समय होता है  जब इसे आम लोगों के लिए खोला जाता है। वैसे यहाँ आम लोगों के लिए साल में 11 महीने प्रवेश निषिद्ध है पर साल में एक महीने मध्य फरवरी से मध्य मार्च तक (दो चार दिन आगे पीछे) मुग़ल गार्डन पूरे देश के नागरिकों के लिए खुला रहता है।