उज्जैन-ओंकारेश्वर यात्रा-5 : कालभैरव मंदिर और सिद्धवट मंदिर (Kalbhairav Temple and Siddhvat Temple)
उज्जैन के दर्शनीय स्थानों के भ्रमण की श्रृंखला में महाकालेश्वर मंदिर, विक्रमादित्य का टीला, हरसिद्धी मंदिर, भतृहरि गुफा और गढ़कालिका मंदिर जैसी जगहों को देखने के पश्चात आइए अब हम आपको कालभैरव मंदिर, सिद्धवट मंदिर, मंगलनाथ मंदिर और संदीपनी आश्रम लेकर चलते हैं। गढ़कालिका मंदिर में दर्शन के पश्चात आॅटो वाला हमें अगले पड़ाव की तरफ ले चला। हमारे ये पूछने पर कि अब यहां के बाद आप किस जगह पर ले चलेंगे तो उनका जवाब मिला कि अब हम पहले कालभैरव मंदिर जाएंगे उसके बाद सिद्धवट मंदिर। हम आॅटो वाले से बातें करते हुए चले जा रहे थे। करीब दस-पंद्रह मिनट के सफर के बाद दूर से ही एक मंदिर की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने मुझे बताया कि वो मंदिर ही कालभैरव मंदिर है। साथ ही उन महाशय ने भी बताया कि यहां कालभैरव को प्रसाद के रूप में शराब चढ़ाया जाता है। मैंने उनसे कहा कि भाई मैं शराब नहीं पीता इसलिए मुझे शराब जैसी चीजों से कोई मतलब नहीं है। तब उन्होंने कहा कि आने वाला हर भक्त बाबा को शराब का भोग जरूर लगाता है इसलिए आप भी अपनी तरफ से बाबा को भोग लगा दीजिएगा। उनकी बातों पर मैंने कहा कि ठीक है भोग तो लगा देंगे पर हम उस भोग का करेंगे क्या क्योंकि मैं मदिरापान नहीं करता तो उन्होंने कहा कि कोई बात नहीं आप हमें दे दीजिएगा। ठीक है बोलकर मैं चुप रहना ही उचित समझा और चुप बैठ गया। ऐसे ही चलते हुए कुछ देर में हम मंदिर के पास पहुंच गए।