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Friday, September 1, 2017

रामेश्वरम यात्रा (भाग 2): धनुषकोडि बीच और अन्य स्थल

रामेश्वरम यात्रा (भाग 2): धनुषकोडि बीच और अन्य स्थल



रामेश्वरम मंदिर में दर्शन के बाद आइये अब चलते हैं रामेश्वरम के अन्य दर्शनीय स्थानों का भ्रमण करते हैं। मंदिर में दर्शन, पूजा-पाठ, कुछ शॉपिंग आदि करते-करते 10:30 बज चुके थे। लोगों से पूछने पर पता चला कि अन्य स्थानों पर जाने के लिए बस या ऑटो अग्नितीर्थम के पास ही मिलेंगे तो हम एक बार फिर से अग्नितीर्थम के पास आ गए। यहाँ कुछ ऑटो वाले खड़े थे जो रामेश्वरम घूमने के लिए लोगों से पूछ रहे थे। हमने कई ऑटो वाले से बात किया तो सबने सब जगह घुमाकर फिर से यहीं पर या रेलवे स्टेशन तक छोड़ने के लिए 500 रुपए की मांग की। पैसे तो वो ज्यादा नहीं मांग रहे थे पर समय 2 घंटे से ज्यादा देने के लिए तैयार नहीं थे, पर 2 घंटे में इतनी जगह घूम पाना बिल्कुल ही असंभव था। बहुत करने पर एक ऑटो वाला 2:30 घंटे समय देने के लिए तैयार हुआ पर इतना समय भी बिल्कुल अपर्याप्त था, लेकिन ऑटो वाले इस बात की गारंटी ले रहे थे कि इतने समय में सब पूरा हो जायेगा और यदि उनकी बात मानकर हम चले भी जाते हैं तो चेन्नई की तरह यहाँ भी लफड़ा होना निश्चित था। यही सब सोचकर मैंने बस से ही जाना उचित समझा और एक दुकान से पानी लिया और बातों बातों में उनसे बस के बारे में कुछ जानकारी ले लिया और चल पड़े बस स्टैंड के ओर।  

Tuesday, March 14, 2017

राजगीर (राजगृह, Rajgir)

राजगीर (राजगृह, Rajgir)


राजगीर जाने का प्लान कल नालन्दा में घूमते हुए ही तय हो गया था। बात ये तय हुई थी कि सुबह 6 बजे तक राजगीर के लिए निकल जाना है। 2 दिन का भारतीय रेल का सफर, 1 दिन शादी समारोह और 1 दिन नालंदा घूमते हुए कुल मिलाकर 4 दिन की जो थकान थी उसके कारण ऐसी गहरी नींद आयी कि हम लोग 6 बजे तक सोते ही रह गए। 6 बजे जागने के बाद हम लोग जल्दी जल्दी ब्रश किये और एक बैग में कपडे रखे और निकल गए। नहाने का प्लान तो राजगीर के गरम कुंड में ही था। 6:30 बजे घर से निकले और एक ऑटो में बैठकर बस स्टैंड आ गए। बिहार शरीफ से राजगीर की दूरी 25 किलोमीटर है और यहाँ से राजगीर के लिए हर 5 मिनट में बस मिल जाती है। बस स्टैंड आया तो राजगीर के लिए एक बस खुलने के लिए तैयार थी। कुछ सीटें भर चुकी थी और कुछ खाली थी। हम तीनों बस में बैठ गए। वही तीन प्राणी आज भी थे जो कल नालंदा में भटक रहे थे। 

Tuesday, February 21, 2017

नालन्दा (Nalanda)

नालन्दा (Nalanda)
कुछ बातें नालंदा के गौरवशाली इतिहास के बारे में

नालंदा भारत के बिहार प्रान्त का एक जिला है जिसका मुख्यालय बिहार शरीफ है।। नालंदा अपने प्राचीन इतिहास के लिये विश्वप्रसिद्ध है। यहाँ विश्व के सबसे पुराने नालंदा विश्वविद्यालय के अवशेष आज भी मौज़ूद है, जहाँ सुदूर देशों से छात्र अध्ययन के लिये भारत आते थे।

बुद्ध और महावीर कई बार नालन्दा मे ठहरे थे। माना जाता है कि महावीर ने मोक्ष की प्राप्ति पावापुरी में की थी, जो नालन्दा मे स्थित है। बुद्ध के प्रमुख छात्रों मे से एक, सारिपुत्र का जन्म नालन्दा मे हुआ था।

नालंदा पूर्व में अस्थामा और सरमेरा, पश्चिम में तेल्हारा, दक्षिण में गिरियक तथा उत्तर में हरनौत तक फैला है। 

Thursday, January 5, 2017

दिल्ली से आगरा (Delhi to Agra)

दिल्ली से आगरा 



2 जून 2013 (रविवार)
बहुत दिनों से ताजमहल देखने का मन हो रहा था। आख़िरकार 2 जून 2013 को ताजमहल देखने की प्लानिंग हुई।  मैं, मेरी पत्नी, बेटा, ऑफिस के ही एक सहकर्मी (नरेंद्र), उनकी पत्नी, उनकी बेटी और बेटा, एवं ऑफिस के ही दुसरे सहकर्मी (राजीव) मिलकर हम 8 लोग हो गए। दिल्ली से आगरा जाने और आने का हमने ताज एक्सप्रेस (ट्रेन संख्या 12280 डाउन) का टिकट बुक किया और वापसी का टिकट भी ताज एक्सप्रेस (ट्रेन संख्या 12279 अप) का ही लिया।




एक दिन का टूर था इसलिए कोई ज्यादा तैयारी करने की कोई जरूरत नहीं थी।  बस दिन के खाने के लिए कुछ बनाकर ले लेना था।  यात्रा वाले दिन हम लोग 4 बजे ही उठ गए थे  जल्दी से कुछ खाना बनाकर पैक किया गया और नहा धोकर हम लोग  तैयार हो गए।  ताज एक्सप्रेस हजरत निजामुद्दीन से 7 बजे चलती है और आगरा 9:40 पर पहुँचती है। 7 बजे की ट्रेन थी तो हमने 5 : 30 घर से निकल गए और जिन लोगों जाना था वे लोग भी अपने अपने घर से निकल चुके थे।  बात हुई की बस स्टॉप पर मिलते हैं और से ऑटो में बैठेंगे।  बस स्टॉप पर आकर हमने 2 ऑटो किया।  एक ऑटो में नरेंद्र जी अपने परिवार के साथ  बैठे और दूसरे ऑटो में हम अपने परिवार के साथ बैठे।  नरेंद्र जी 4 लोग थे तो वो सब एक ऑटो में और हम 3 लोग थे और एक राजीव जी थे तो 4 लोग एक ऑटो में बैठ गए।