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Friday, September 15, 2017

कन्याकुमारी यात्रा (भाग 2) : भगवती अम्मन मंदिर और विवेकानंद रॉक मेमोरियल

कन्याकुमारी यात्रा (भाग 2) :
भगवती अम्मन मंदिर और विवेकानंद रॉक मेमोरियल 




विवेकनन्द आश्रम में स्थित सनराइज व्यू पॉइंट से सूर्योदय का विस्मरणीय और मनमोहक नजारा देखने के बाद आइये अब हम चलते है भगवती अम्मन मदिर, विवेकानंद रॉक मेमोरियल और फिर उसके बाद कुछ और जगहों की सैर करेंगे। 8 बज चुके थे और हम अपने कमरे से निकलकर उस जगह पर आकर बस का इंतज़ार करने लगे जहाँ से आश्रम की बसें यहाँ आने वाले लोगों को लेकर संगम तक जाती है। बस आने का समय 9:30 बजे था और फिर यहाँ से जाने का समय 10:30 बजे था। 2 घंटे तक यहाँ बैठकर इतंजार करना तो ठीक बिलकुल भी नहीं था तो हमने ऑटो से जाना ही अच्छा समझा। अब सड़क पर होते तो कोई ऑटो बहुत आसानी से मिल जाती पर आश्रम के अंदर ऑटो तभी आती है जब वो किसी को यहाँ छोड़ने आया हो। कुछ मिनट के इंतज़ार के बाद भी जब कोई ऑटो नहीं आया तो हम पैदल ही चल पड़े। अभी कुछ ही कदम चले थे कि एक ऑटो आता हुआ दिखाई दिया जो कुछ लोगो को स्टेशन से लेकर यहाँ आया था। हमने उस ऑटो वाले को संगम तक छोड़ने को कहा तो उसने 5 आदमी का 50 रुपये  माँगा। हम भी ख़ुशी खुशी ऑटो बैठ गए और करीब 10 मिनट के सफर के बाद हम उस जगह पर पहुंच गए जहाँ से एक रास्ता मंदिर की तरफ और एक विवेकनन्द रॉक मेमोरियल की तरफ जाता है और किसी भी प्रकार की गाड़ी का यहाँ से आगे जाना निषेध है।

Tuesday, May 2, 2017

चिंतपूर्णी देवी (Chintpoorni Devi)

चिंतपूर्णी देवी (Chintpoorni Devi)




वैसे तो मुझे कहाँ जाना है इसके बारे में कोई योजना तो थी नहीं। बस जिधर मन हुआ उधर चले जाना था। पर फिर भी मैक्लोडगंज में बस पर बैठते ही मैंने चिंतपूर्णी देवी जाने का सोचा। इस समय 1:45 बजे थे।  बस चली और 2 :15 बजे हम धर्मशाला पहुँच गए।  वहां उतरे तो देखा कि ज्वाला देवी जाने के लिए एक बस जाने के लिए तैयार खड़ी है। मैं बस में घुसा और सबसे आगे की सीट पर बैठ गया। बस 2 मिनट में ही ज्वाला देवी के लिए चली।  कंडक्टर के आने पर मैंने उसे कहा कि मुझे चिंतपूर्णी देवी जाना है इसलिए आप मुझे काँगड़ा की टिकट दे दो, वहां से मैं दूसरी बस से चिंतपूर्णी देवी चला जाऊँगा। मेरी इस बात का उसने रुखा सा जवाब दिया कि काँगड़ा से चिंतपूर्णी देवी की बस नहीं मिलती है, इसी बस से आपको ज्वालादेवी जाना होगा फिर वहाँ से आपको चिंतपूर्णी देवी की बस मिलेगी।  फिर भी मैंने काँगड़ा का ही टिकट लिया कि जो होगा देखा जाएगा अगर बस नहीं मिली तो जहाँ रात होगी वहीं सो जाएंगे। खैर करीब 3 बजे हम काँगड़ा पहुंच गए।  वहां बस पर से ही एक बस दिखी जो चिंतपूर्णी देवी जा रही थी।  मैं इस बस से उतरा और उस बस में बैठ गया। 

Friday, April 14, 2017

ज्वालादेवी धाम (Jwaladevi Dham)

ज्वालादेवी धाम (Jwaladevi Dham)



ज्वालाजी मंदिर को ज्वालामुखी मंदिर भी कहते हैं ! ज्वालाजी मंदिर को भारत के 51 शक्तिपीठ में गिना जाता है ! लगभग एक टीले पर बने इस मंदिर की देखभाल का जिम्मा बाबा गोरखनाथ के अनुयायियों के जिम्मे है ! कहा जाता है की इसके ऊपर की चोटी को अकबर ने और शोभायमान कराया था ! इसमें एक पवित्र ज्वाला सदैव जलती रहती है जो माँ के प्रत्यक्ष होने का प्रमाण देती है ! ऐसा कहा जाता है कि माँ दुर्गा के परम भक्त कांगड़ा के राजा भूमि चन्द कटोच को एक सपना आया , उस सपने को उन्होंने मंत्रियों को बताया तो उनके बताये गए विवरण के अनुसार उस स्थान की खोज हुई और ये जगह मिल गयी , जहां लगातार ज्वाला प्रज्वलित होती है ! ये ही ज्वाला से इस मंदिर का नाम ज्वाला जी या ज्वालामुखी हुआ ! इस मंदिर में कोई मूर्ति नहीं है बल्कि प्राकृतिक रूप से निकलती ज्वाला की ही पूजा होती है ! एक आयताकार कुण्ड सा बना है जिसमें 2-3 आदमी खड़े रहते हैं !

Friday, March 17, 2017

वैष्णो देवी यात्रा (Journey of Vaishno Devi)-2016


वैष्णो देवी यात्रा (2016)



वैसे तो वैष्णो देवी की ये मेरी चौथी यात्रा है। इस बार भी पिछले साल की तरह नवरात्रों में अकेले जाने का प्लान किया। टिकट जून में ही बुक कर लिया था।  जाने का टिकट 8 अक्टूबर का और आने का 10 अक्टूबर का संपर्क क्रांति से बुक किया।  जाने से 6-7 दिन पहले अपने ऑफिस में कई लोगो को पूछा पर कोई भी जाने के लिए तैयार नहीं हुआ। अंत में मैंने यही सोचा कि इस बार भी अकेले ही जाएंगे। अब पता नहीं क्यों कोई चलने के लिए तैयार नहीं हो रहे थे ये तो वो लोग ही जानते होंगे। मैंने लोगो को ये भी समझाया कि आप लोगो को ऑफिस से कोई छुट्टी नहीं लेनी पड़ेगी।  शनिवार को ऑफिस के बाद हम लोग रात में जायेगे, फिर रविवार, सोमवार और मंगलवार तीन दिन की छुट्टी है। जाने से दो दिन पहले एक बार फिर मैंने लोगो से पूछना शुरू किया कि कोई वैष्णो देवी चलेगे तो चलिए और इसी क्रम में मृणाल नाम के एक सहकर्मी से जैसे ही मैंने पूछा तो बिना एक पल देर किये उन्होंने जाने के लिए हामी भर दी। वैसे टिकट बुक करवाते समय मैंने उनसे पूछा तो उन्होंने मना कर दिया था इसलिए उनसे मैं नहीं पूछ रहा था।  पर आज उन्होंने हां कर दिया।  अब जब उन्होंने हां कर दिया तो उनके लिए टिकट भी चाहिए।  खैर जो भी हो टिकट भी तत्काल से बुक कर लिया गया।

Thursday, February 16, 2017

वैष्णो देवी यात्रा (Journey of Vaishno Devi)-2015


वैष्णो देवी यात्रा (2015)


दो बार वैष्णो देवी जाने के बाद फिर से मेरा मन एक बार और वहां जाने का करने लगा। पिछले वर्ष वहां मैं नवरात्रों में गया था इलसिए इस बार भी मैंने नवरात्रों में ही जाने का प्लान किया। अपने ऑफिस और जान पहचान के लोगों से जाने के बारे में पूछा  लेकिन कोई भी वहां जाने के लिए तैयार नहीं हुआ।  अंत में मैंने अकेले ही जाने का मन बनाया।  स्कूल में छुट्टियां नहीं होने के करना पत्नी और बच्चे भी साथ नहीं जा सकते थे। उस समय दिल्ली से कटरा जाने वाली एकलौती ट्रेन श्री शक्ति एक्सप्रेस ही थी जो कटरा तक जाती थी पर उसकी टाइमिंग नई दिल्ली स्टेशन से शाम को 5 :30 पर थी इसलिए उस ट्रेन की टिकट नहीं लिया क्योकि उस ट्रेन का टिकट लेने पर ऑफिस से हाफ डे की छुट्टी लेनी पड़ती इसलिए मैंने दिल्ली से जम्मू तक का टिकट उत्तर संपर्क क्रांति एक्सप्रेस से लिया। जम्मू से कटरा तक या तो बस या पैसेंजर ट्रेन से जाने का प्लान किया। आने के लिए मैं श्री शक्ति एक्सप्रेस टिकट लिया क्योकि वो रात में 11 बजे कटरा से चलती है। कटरा में ठहरने के लिए आई आर सी टी सी का ही गेस्ट हाउस बुक किया जो कटरा रेलवे स्टेशन की पहली मंज़िल पर स्थित है।

Monday, January 16, 2017

वैष्णो देवी यात्रा (Journey of Vaishno Devi) 2014-2


वैष्णो देवी यात्रा (2014)-2



एक बार फिर वैष्णो देवी (वैष्णो देवी की दूसरी यात्रा)
जून 2014 में वैष्णो देवी यात्रा से आने के बाद पत्नी और बेटा गांव चले गए। 10 दिन मैं उन लोगों को लाने के लिए गया क्योंकि गरमी की छुट्टियों के बाद स्कूल खुलने वाली थी। वहां जाने पर माताजी ने कहा कि तुम लोग तो वैष्णो देवी से आ गए पर अगर अगली बार जाओगे हम लोग भी चलेंगे। मैंने कहा ठीक है अगली बार सब लोग जाएंगे। बात यहीं पर ख़तम हो गयी।

मैं पत्नी और बेटे के साथ दिल्ली आ गया। 14 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली से कटरा तक जाने वाली पहली ट्रेन का उद्घाटन किया। हम टीवी पर यही न्यूज़ देख ही रहे थे कि कंचन ने कहा कि देखिये हम लोग 1 महीने पहले वैष्णो देवी गए थे तो ट्रेन वहां तक नहीं जाती थी लेकिन अब ट्रेन सीधे कटरा तक चली जाएगी तो क्यों न आने वाली नवरात्रि में मम्मी और पापा को आप वैष्णो देवी ले जाएँ। मैंने कहा कि आईडिया तो ठीक है पर इतनी जल्दी जाने के लिए ऑफिस से छुट्टी लेना मुश्किल है क्योंकि अभी हम लोग वैष्णो देवी गए तो छुट्टी लिए और उसके बाद अभी तुम लोगो को गांव से लाने गए तो छुट्टी लिए फिर छुट्टी लेना मुश्किल है।

Thursday, January 5, 2017

वैष्णो देवी यात्रा (Journey of Vaishno Devi) 2014-1

वैष्णो देवी यात्रा-1 (2014)




बहुत दिनों सो सोच रहा था वैष्णो देवी यात्रा पर जाने का पर समय ही नहीं निकाल पा रहा था।  कभी बच्चे के स्कूल में छुट्टी नहीं मिलती और स्कूल में छुट्टी मिलती तो मुझे नहीं मिल पाती।  पर साल 2014 के आरम्भ में ही सोच लिया था कि चाहे कुछ  हो इस बार गर्मी की छुट्टियों में वैष्णो देवी जरूर जाऊँगा।  जून में जाने की प्लानिंग किया। टिकट अप्रैल में बुक करवाना होगा। टिकट बुक करने से पैरेंट्स को जाने के लिए कहा तो उन लोगों ने मना कर दिया कि उस समय रिस्तेदारों में बहुत सारी शादियां होती है तो वहां भी जाना पड़ता है, इलसिए तुम लोग चले जाओ हम लोग कभी बाद में जाएंगे। पेरेंट्स के मना करने पर मैं अपना, पत्नी और बेटे का टिकट बुक करना था। मैंने अप्रैल में ही टिकट ऑनलाइन 3  टिकट बुक किया।  दिल्ली से  जम्मू के लिए उत्तर संपर्क क्रांति एक्सप्रेस (ट्रेन संख्या 12445) और आने का टिकट जम्मू-दिल्ली सराय रोहिल्ला दुरंतो एक्सप्रेस (ट्रेन संख्या 12266) का ऑनलाइन टिकट (www.irctc.co.in) बनाया। आज ट्रेनें सीधे कटरा तक जाती है पर उस समय ट्रेन जम्मू या उधमपुर तक ही जाती थी। जम्मू से कटरा तक 2 घंटे  सफर बस से करना पड़ता था। ट्रेनें भले कटरा  तक नहीं जा रही थी पर कटरा में स्टेशन बनकर तैयार था अगर किसी चीज़ की देर  थी वहां तक ट्रेन के पहुँचने में तो माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उद्घाटन की। मेरी वहां की यात्रा के एक महीने बाद ही 14 जुलाई से कटरा तक ट्रेन जाने लगी थी और वह ट्रेन श्री शक्ति एक्सप्रेस (ट्रेन संख्या 22461 अप दिल्ली से कटरा और 22462 डाउन कटरा से दिल्ली) थी। कटरा में रहने के लिए मैंने कटरा रेलवे स्टेशन पर ही रेलवे का ही गेस्ट हाउस बुक किया जो ऑनलाइन (www.irctctourism.com/) ही बुक  होता है और वापसी  में दिन में रुकने के लिए जम्मू रेलवे स्टेशन पर रिटायरिंग रूम बुक किया।